Merry Christmas 2018 | इसलिए 25 दिसंबर को मनाया जाता है

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christmas day kaise manaya jata hai
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Merry Christmas 2018 | इसलिए 25 दिसंबर को मनाया जाता है

जैसा कि हम जानते हैं कि क्रिसमिस का फेस्टिवल पूरे विश्व में बड़े धूमधाम से
मनाया जाता है | यह दिन ईसाइयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन
इसे भगवान जीसस क्राइस्ट(ईसा मसीह) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है|
25 दिसंबर एक धार्मिक और सांस्कृतिक समारोह के रूप में पूरे विश्व में मनाया
जाता है|
इस दिन की कुछ विशेष परंपराएं हैं- जैसे सैंटा क्लॉस द्वारा उपहार बांटना,
क्रिसमिस कार्डों को बांटना, क्रिसमिस संगीत, क्रिसमिस के गीतों को गाना, मोमबत्ती
जलाना, चर्च में सेवा करना, विशेष भोजन का आयोजन करना आदि कार्य किए
जाते हैं | इस दिन बच्चे बहुत खुश होते हैं, क्योंकि उन्हें रात के 12:00 बजे अपने
माता पिता और सैंटा क्लॉस के द्वारा उपहार मिलते हैं| इस दिन के उत्सव को
स्कूल में बनाने के लिए सेंटा की टोपी और सैंटा के कपड़े भी पहनते हैं|
इस दिन को बड़ा दिन कहकर भी पुकारा जाता है क्योंकि भूगोल की दृष्टि से यह
दिन सबसे बड़ा होता है, इसलिए से बड़ा दिन भी कहते हैं|

Christmas Day Photos. Free Image
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भारत में लगभग ढाई सौ लाख ईसाइयों के द्वारा यह त्यौहार बड़े धूमधाम और
आनंद के साथ मनाया जाता है | कैथोलिक ईसाइयों द्वारा इस दिन पर उपवास
रखने की भी प्रथा है | वह 1 से 24 दिसंबर तक कुछ नहीं खाते और 24 दिसंबर की
मध्यरात्रि की सेवा के बाद ही खाते हैं| सैंटा क्लॉस को क्रिसमिस बाबा के नाम से
भी जाना जाता है|

क्रिसमस त्योहार का मकसद केवल प्रेम है, एकता को बनाए रखना है | इस दिन
पूरे वर्ल्ड में छुट्टी होती है | क्रिसमस डे का मुख्य दिशा खासतौर बच्चों में प्रेम

और ईश्वर के प्रति आस्था बनाए रखने के लिए इस दिन कई प्रकार के आयोजन
किए जाते हैं |
क्रिसमिस को बड़ा दिन भी कहा जाता है| माना जाता है कि इस दिन ईसा मसीह
का जन्म हुआ था, जो कि क्रिश्चियन समुदाय के भगवान कहे जाते हैं| क्रिसमिस
12 दिनों तक मनाया जाता है |इस प्रकार यह 6 जनवरी तक चलता रहता है|

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तो आइए जानते हैं कि क्रिसमिस के पीछे क्या कहानी है?
क्रिसमिस का दिन जीसस क्रिस्ट का जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है| इनके
बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित हैं, तथ्य के अनुसार कहां जाता है कि जीसस
क्राइस्ट(ईसा मसीह) जन्म के समय गॉड ने मनुष्य को यह संकेत दिए थे कि
उनकी रक्षा और उन्हें ज्ञान देने के लिए ईश्वर का एक अंश मसीहा के रूप में आप
सभी के बीच जन्म लेने वाला है| जीसस को मसीहा भी कहां जाता हैं| इनकी मां
का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ था | जब इनका जन्म होने वाला था
तब इनके माता-पिता की शादी नहीं हुई थी| कहां जाता है कि गॉड ने इनके
माता-पिता को दिव्या होने का संदेश एक परी के जरिए भिजवाया था| जिनके बारे
में बहुत सारे महात्मा लोगों को भी जानकारी थी कि ईश्वर का अंश जन्म लेने
वाला है | इन के जन्म के समय के माता पिता एक जंगली इलाके में फंस गए
कई सारे जानवरों के बीच में जीसस का जन्म हुआ| जिसे देखने कई महान
बुद्धिमान लोग आए थे, कहां जाता है वह दिन क्रिसमिस था|
जन्म के आठवें दिन में बालक का नाम जीसस क्राइस्ट और यीशु रखा गया था |
वह बाद में ईसा मसीह जी के नाम से जाने जाने लगे | यह बालक दिव्या था और

इस बालक ने 12 वर्ष की उम्र में ही शास्त्रार्थ में बड़े-बड़े ज्ञानियों को परास्त कर
दिया |

इस दिन क्रिसमिस के ट्री को सजाने की भी परंपरा है| कहा जाता है कि जब
जीसस का जन्म हुआ तब देवताओं ने क्रिसमस ट्री (सदाबहार वृक्ष) को सजाया |
तब से ही यह परंपरा चली आ रही है|

आइए जानते हैं क्या क्या करते हैं लोग क्रिसमिस डे पर?

 इस दिन लोग चर्च में प्रेयर करते हैं, मेडिटेशन करते हैं, सॉन्ग गाए जाते हैं,
कैंडल जलाकर सेलिब्रेशन किया जाता है|

इस दिन लोग अपने घरों एवं आसपास के स्थानों को साफ करते हैं|

लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं|

ईसाई लोग इस दिन बाइबल पढ़ते हैं एवं अपने धर्म के अनुसार उपवास भी
करते हैं |

यह दिन मनुष्य में शांति, दया, सदाचार एवं प्यार का भाव उत्पन्न करता
है|

जीसस ने कहा था कि ईश्वर सभी व्यक्तियों को प्रेम करते हैं, इसलिए हमें प्रेम
को जीवन में अपनाकर ईश्वर की सेवा करनी चाहिए| उन्होंने कहा कि ईश्वर की

सेवा का सबसे उत्तम मार्ग दीन दुखियों की सेवा करना है | क्रिसमस का त्योहार
हमें यही पावन संदेश देता है|

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