Diwali Kya Hai? Kyon, Kaise Manate Hai – शुभ दिपावली 2019

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Diwali Kyu aur Kaise Manate Hai in Hindi
deepavali kaise banai jati hai

दीपावली  यानी रोशनी का त्योहार हैं ।यह भारत वर्ष का प्रमुख  हिन्दू त्योहार हैं ।  इसे सिक्ख ,जैन,बौद्ध, धर्म के लोग भी मनाते हैं।भारत में प्राचीन काल से दीवाली को हिंदू कैलेंडर के कार्तिक माह में गर्मी की फसल के बाद के एक त्योहार के रूप में दर्शाया गया। दीवाली का पद्म पुराण और स्कन्द पुराण नामक संस्कृत ग्रंथों में उल्लेख मिलता है ।ब्रह्मपुराण के o9(अनुसार कार्तिक अमावस्या की इस अंधेरी रात्रि अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी. भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीके से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है वहां अंश रूप में h जाती हैं और गंदे स्थानों की तरफ देखती भी नहीं।

इसलिए इस दिन घर-बाहर को ख़ूब साफ-सुथरा करके सजाया-संवारा जाता है। कहा जाता है कि दीपावली मनाने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होकर स्थायी रूप से सदगृहस्थों के घर निवास करती हैं। दिवाली त्योहार पांच दिन का होता है। इन पांचो दिनों का. अलग-अलग विधान होता है। पहला दिन धनतेरस या धन्त्रोधीशी के रूप में जाना जाता है जो देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। देवी को खुश करने के लिए लोग आरती, भक्ति गीत और मंत्र गाते हैं

दूसरे दिन को नारका चतुर्दशी या छोटी दीवाली के रूप में जाना जाता है जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करते हुए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने राक्षस राजा नरकसूर को मार डाला था। सुबह में तेल के साथ स्नान करने और मठ पर कुमकुम लगाने से देवीकाली की पूजा करने का धार्मिक विश्वास है।

तीसरा दिन मुख्य दिवाली दिन के रूप में जाना जाता है, जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करते हुए, रिश्तेदारों, दोस्तों, पड़ोसियों के बीच मिठाइयों और उपहारों को बांटते हुए और शाम को  आग से पटाखों फुलझड़ियों को जलाते हुए मनाया जाता है।

चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है लोग अपने दरवाजे और पूजा स्थल पर गोबर के गोवर्धन को बनाते हैं। यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था, जिसने गोकुल के लोगों को बारिश के देवता, इंद्र, द्वारा अप्राकृतिक बारिश से बचाया।

पांचवें दिन को यम द्वितिया या भैया दूज कहा जाता है जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया है। बहनों अपने भाइयों को अपने घर में भाई दोज के त्योहार का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करते हैं।

देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद रात में आग पटाखे का जलाया जाता है। इस दिन लोग अपनी बुरी आदतों को बाहर कर देते हैं और पूरे वर्ष के लिए आशीर्वाद पाने के लिए अच्छी आदतें भी शामिल करते हैं। भारत में कुछ स्थानों पर दिवाली के दिन नये साल   शुरुआत होती  है। व्यवसायी इस दिन अपनी नई खाता पुस्तकों की शुरुआत करते हैं।

दिवाली 2019 – कब और क्यों मनायी जाती है, Deepavali kyun manai jati hai

why diwali is celebrated know interesting stories Diwali Kya Hai? Kyon, Kaise Manate Hai – शुभ दिपावली2019 :- हम दीवाली क्‍यों मनाते है, आखिर इसके पीछे क्‍या कारण है, कुछ लोगों का कहना है हिंदू मान्यताओं में राम भक्तों के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री रामचंद्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा असुरी वृत्तियों के प्रतीक रावणादि का संहार करके लौटे थे।

एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विंष्णु ने नरसिंह रुप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया था इसी दिन समुद्रमंथन के दौरान लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए थीं।

जैन धर्म में दीपावली के दिन का काफी बड़ा महत्‍व है, इस दिन आधुनिक जैन धर्म की स्‍थापना के रूप में मनाश्‍स जाता है इसके अलावा दीवाली के दिन जैनियो को निर्वाण भी प्राप्त हुआ था  । ऐसे ही अनेक कारण हैं ।

महत्व –  पारस्परिक मेल-मिलाप और भाईचारे का यह ऐसा अनोखा पर्व है जो सम्पूर्ण देश को एकता के सूत्र में पिरोता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस त्यौहार का महत्व  है क्योंकि यह पर्व स्वच्छता को प्रोत्साहन देता है।घर-घर में सुन्दर रंगोली बनाई जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है। बड़े छोटे सभी इस त्योहार में भाग लेते हैं।

यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक,सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है।इस दिन बाजारों में भी खूब चहल-पहल होती है। मिठाईओं की दुकानों के आगे बड़े-बड़े पंडाल लगे होते हैं। पटाखों की दुकानों के आगे बड़े व बच्चों की लम्बी लाइन लगी होती है। सभी अपनी इच्छानुसार पटाखे, फुलझड़ियाँ, अनार एवं रॉकेट आदि खरीदते हैं। में यह त्यौहार हमें अपने मन को प्रकाशित करने का संदेश देता है।

दीपावली कैसे मनाये  – रोशनी के साथ दिवाली खुशियाँ बांटने का एक पर्व है।  देश भर में हर कोई दीपावली अपने अलग अंदाज में ही मनाना पसंद करता है. लेकिन बिना पटाखों के दीपावली उन लोगों के लिए अधूरी सी है, जो पूरे साल पटाखे फोड़ने के लिए इस दिन का इंतजार करते हैं. हालांकि लोग इस त्योहार पर खुशियों का इजहार सिर्फ बम-पटाखे फोड़कर और दीये जलाकर ही नहीं, बल्कि एक दूसरे से मिलकर,  और आपसी मतभेद मिटाकर भी कर सकते हैं.खुशियों का ये त्योहार बड़ों से आशीर्वाद लेने का दिन है. इसे पटाखों के शोर में गुम न होने दें.  बिना पटाखों के दिवाली  मनाएं  अपने वातावरण को प्रदूषित न होने दें और पटाखों पर खर्च होने वाले पैसों का सही उपयोग करें जैसे –

परिवार के साथ बाहर घूमने जाये अपनी मनपसंद की चीजें खरीदे लड़कियाँ अपने लिए beauty products खरीद सकता हैंऔर लड़के बेहतरीन गैजेट्स ले सकते हैं ।

गरीबों  को  मिठाईयाँ ,chocolate, toffee कपड़े बाँट सकते हैं ।सर्दियां नजदीक आ चुकी हैं और इसी के साथ शादियों का सीजन भी शुरू हो चुका है. तो इस वक्त पर आप पटाखों पर पैसे खर्च करने की बजाए शादी के लिए शॉपिंग भी कर सकते हैं.इस दिवाली कुछ कमाल का खाना बनाएं, इसे खुद भी खाएं और दोस्तों को भी खिलाएं।

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25 COMMENTS

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