Diwali Kaise Manaye Top 10 Best Ideas रोशनी, पकवान, उपहार और नएपरिधानों की रस्मों से सजा दीपपर्व हमें प्रकृति और मानव के बीच संतुलन बनाकर जीने का संदेश देता है। लेकिन पर्व के उत्साह में हम कहीं न कहीं पर्यावरण को नजरअंदाज़ कर बैठते हैं। सजावट व अन्य रूप में प्रयुक्त छोटी-छोटी चीजें जो आकर्षित लगने के साथ-साथ हमारा काम आसान बनाती ज़रूर हैं लेकिन पर्यावरण के लिहाज से हानिकारक भी होती हैं। इनमें कुछ बदलाव कर पर्यावरण का ख़्याल रख सकते हैं।
Love Poetry In Hindi, Love Poetry In Hindi For Girlfriend, Love Poetry
- Latest Diwali Viral Whatsapp Script Free Download 🥰 2019
- Jio Diwali Dhan Dhana Dhan Offer | 100% 400 Rs Cashback
- Festival Wishing Website Kaise Banaye (Full Guide)
Contents
Diwali Kaise Manaye Top 10 Best Ideas (Celebrate Diwali)
दिवाली क्यों मनाई जाती है दिवाली कैसे मनाएं दिवाली मनाने का सही तरीका क्या है दीपावली त्यौहार हिंदुओं में क्यों मनाई जाती है आइए जानते हैं
1 ⇒ हाथों से बनाएं रंगोली
रंगोली की डिजायन हाथों से बनाना आसान नहीं है। ऐसे में कुछ लोग रंगोली सांचों और स्टिकर्स का इस्तेमाल करते हैं। ये समय जरूर बचाते हैं लेकिन परम्परा से दूर करने के साथ-साथ प्लास्टिक के उपयोग के कारण पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। इस दीपावली हाथों से ही रंगोली बनाइए।
2 ⇒ पौधों से पटाखों की दूरी
अगर आंगन, सड़क या ऐसे स्थान पर पटाखे जला रहे हैं जहां आस-पास पेड़ या पौधे लगे हुए हैं तो इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखें। पेड़ से दूर पटाखे जलाएं ताकि पटाखों की चिंगारी इन तक नहीं पहुंचे।
3 ⇒ हाथों से बनाएं शुभ-लाभ
इस दिन घर के दरवाजे के दोनों तरफ़ शुभ-लाभ लिखना शुभ माना जाता है। बहुत आकर्षक और कई तरह की डिज़ायन के स्टिकर्स मिल जाते हैं। पारम्परिक तौर पर रोली से दरवाजों पर शुभ-लाभ लिखिए। इसी तरह प्लास्टिक से बने लक्ष्मी जी के चरण के बजाए रंगोली या महावर से इन्हें बनाएं।
4 ⇒ पर्यावरण के अनुकूल
अपने किसी क़रीबी को उपहार देने का सोच रहे हैं तो इनकी पैकिंग के लिए पन्नी के बजाय कपड़ा या जूट पोटली का इस्तेमाल कर सकते हैं। कपड़े के रिबिन से इसे सजा भी सकते हैं।
5 ⇒ दियों से सजाएं घर
मोमबत्ती या प्लास्टिक के दिये लगाने के बजाए मिट्टी के दिये ख़रीदें। इससे न केवल आपका घर रोशन होगा बल्कि इसे बनाने वाले कारीगरों का घर भी रोशन होगा। साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा। हाथों से बने मिट्टी के सादे दिये लेकर ख़ुद भी रंग सकते हैं।
6 ⇒ घर सजाने के लिए
खिड़की, दरवाजे या दीवार सजाने के लिए प्लास्टिक के फूलों की लड़ी के बजाय असली
फूलों का इस्तेमाल करें। अगर असली फूल नहीं लगा सकते हैं तो कपड़े से बने फूलों की लड़ी का इस्तेमाल करें। परम्परा के अनुसार दरवाजों पर आम के पत्ते और गेंदे के फूलों से बनी माला लगाना शुभ होता है।
7 ⇒ धनतेरस : आरोग्य सम्पदा
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी धन्वंतरि की पूजा का दिन है। इसलिए कि सारे धन का तभी कोई अर्थ है जब हम स्वस्थ हों। अस्वस्थ व्यक्ति के लिए तीनों लोक के भोग भी निरर्थक हो जाते हैं। अमृत तक पीने के लिए स्वस्थ होना अनिवार्य है। समुद्र मंथन की पौराणिक कथा में अमृत कलश लेकर भगवान धन्वंतरि का प्रकट होना इसी का संकेत है। वे आरोग्य के देवता हैं, सिखाते हैं कि जीवन में स्वास्थ्य और आरोग्य से बड़ा कोई धन नहीं।
8 ⇒ लक्ष्मीपूजा Kyo Hoti Hai
दीपावली महारात्रि है। प्रतीक है कि संसार भी रात की तरह निष्ठुर है। हम सभी का जीवन अमावस की रात-सा ही है। पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि इस रात लक्ष्मी हर घर-द्वार पर दस्तक देती हैं। जो जागा हुआ मिलता है उस पर कृपा करती हैं और जो सोया पड़ा रहता है, पड़ा ही रह जाता है। लक्ष्मी अर्थात सुख, वैभव, सम्पदा उसी को मिलते हैं जो’अमावस के अंधेरे’ में ‘पुरुषार्थ के दीपक’ जलाने के लिए व्रतपूर्वक जागता हो।’ जैसे खरा दीपक रातभर जागता है और अपने होने का पुरुषार्थ सिद्ध करता है, ठीक उसी तरह जाग्रत को ही लक्ष्मी की सिद्धि होती है, यानी मेहनत करने वाले को ही समृद्धि हासिल होती है।
9 ⇒ गोवर्धन पूजा Hum Kyo Karte Hai
जब समाज में आरोग्य, पवित्र रूप और जागरण का आलोक फैलता है तो ‘कृष्ण पक्ष’ विदा हो जाते हैं। गोवर्धन पूजा का पर्व अनेक सम्पदाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए दीपावली को पूर्णता प्रदान करता है, जिसके केंद्र में सहकार है। धन का सदुपयोग तो मिल-बांटकर भोग करने में ही है फिर चाहे नई फ़सलों की धान्यलक्ष्मी हो या गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा की तरह ब्रजमंडल का दूध-घी। श्रीकृष्ण ने इंद्र के रूप । में ‘राजा’ के एकाधिकार को चुनौती दी। समझाया कि पर्व हो या पकवान, फ़सल हो या ख़ुशी, सबके साथ साझा की जाए तभी धरती भी अन्नलक्ष्मी से निहाल करती है और खाद्य पदार्थों के ‘गोवर्धन’ खड़े हो जाते हैं।
10 ⇒ भाईदूज: स्नेह सम्बंध
भाईदूज के साथ दीपावली की पांच दिनी पर्व श्रृंखला पूर्णnहोती है। भाई का बहन के घर पर आना परिवार में आपसी। मेलजोल का प्रतीक है। माता-पिता के बाद भाई-बहन ही।
हमारे सबसे निकट सम्बंधी होते हैं। इनके परस्पर स्नेह सम्बंध ही जीवन में किसी को सच्चा धनवान बनाते हैं। पौराणिक संदर्भा में यम और यमी/यमुना की कथा के बहाने ।
भाई-बहन के नेह नाते की रक्षा के इस पर्व में हर तरह के सम्बंधों के प्रति दायित्व का भाव भी है। तभी तो भाईदूज के बहाने समाज ‘दीपावली मिलन’ के उत्सव सजा लेता है।
दोस्तों में उम्मीद करता हूँ इस लेक में आपको बताया हूँ की दिवाली कैसे मनाये अगर आपको यहाँ लेक पसंद आये तो शेयर जरूर करे सोशल मीडिया पर फिर मिलता हूँ एक नए लेक के साथ जय हिंदी जय भारत
Hi Sir
Very Good Article n Awsome Informations
Happy dewali bhai
Very nice info … keep posting
Wow Very Nice information …..
happy diwali.
Very Nice Post
Wao Sir amazing post Happy diwali sir
kaise ho bro
Very good artical