यीशु के आखिरी दिन की यादें:- हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है| क्रिसमस के दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था | पहले इस त्योहार को ज्यादातर ईसाइयों में मनाया जाता था | लेकिन आजकल यह त्योहार हर जाति में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है | क्रिसमिस डे को बड़ा दिन भी कहा जा क्योंकि इस दिन यीशु का जन्म हुआ था |
पहले इस त्योहार को ज्यादातर ईसाइयों में मनाया जाता था | लेकिन आजकल यह त्योहार हर जाति में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है | Christmas Day को बड़ा दिन भी कहा जाता है |
यीशु ने एक गरीब घर में जन्म लिया, क्योंकि वह गरीबों का मसीहा था | उनके दुख दर्द को दूर करने वाला था | यीशु मृत्यु से पहले ही जान गए की उनकी मृत्यु की घडी आ गई है । आखिरी रात यीशु को अपने शिष्य को बताने के लिए बहुत सारी बातें थी | उस रात यीशु ने अपने सेवकों को कहा कि तुम में ऐसा गहरा प्यार होना चाहिए कि एक दूसरे की खातिर अपनी जान भी कुर्बान कर दो |
उन्होंने कहा कि आगे चलकर जो बड़े बड़े हादसे होने वाले हैं, उन्हें देखकर घबरा न जाना | इसके बाद यीशु ने दिल खोलकर परमेश्वर से प्रार्थना की | इसके कुछ समय बाद ही हथियारबंद सैनिक याजक और दूसरे लोग यीशु को गिरफ्तार करने के लिए आ गए | यहूदी अदालत में यूसुफ ने खुद का परमेश्वर का बेटा बताया | अदालत ने यीशु को परमेश्वर की निंदा करने वाला बताकर उसे मौत की सजा सुनाई | इसके बाद यीशु को रोमी सैनिकों ने सूली पर किलो से ठोक दिया | तभी एक चमत्कार हुआ भरी दोपहर में घोर अंधकार छा गया और उस समय यीशु ने अपना दम तोड़ दिया |
यीशु की मौत के तीसरे दिन बाद एक और चमत्कार हुआ | कुछ औरतें यीशु की कब्र पर गई | उन्होंने देखा की कब्र पर पड़ा हुआ पत्थर लुढ़का हुआ है और यीशु भी कब्र से गायब है | मान्यता के अनुसार फिर उन औरतों को दो स्वर्गदूत नजर आए | उन्होंने कहा तुम यीशु को ढूंढ रही हो, उसे मरे हुए से जी उठाया गया है | वह औरतें यह खबर यीशु के शिष्यों को देने के लिए जा दौड़ी | तभी रास्ते में उन्हें यीशु मिला और उन्होंने कहा डरो मत, जा कर मेरे भाइयों का खबर दो कि वह फिर से जी गए | जिंदा होने के 40 दिनों तक यीशु अलग-अलग मौकों पर अपने चेलों से मिलता रहा |
मान्यता के अनुसार यीशु आखरी बार अपने 11 वफादार चलो से से मिले तो यीशु ने उनसे वादा किया, जब तुम पर पवित्र शक्ति आएगी, तो तुम ताकत पाओगे और दुनिया के सबसे दूर– दूर के इलाकों में मेरे बारे में गवाही दोगे |फिर देखते देखते वह ऊपर उठा लिया गया और एक बादल के जरिये से नजरो से छिपा लिया गया | इस तरह यीशु स्वर्ग लौट गए | इस प्रकार यीशु के इन यादों को ताजा करने के लिए क्रिसमिस का त्योहार मनाया जाता है |
यीशु ने बड़े बड़े चमत्कार किए जो इंसानों के बस की बात की नहीं थी | यीशु ने ये चमत्कार हजारों सैकड़ों लोगों के सामने किए | मान्यता के हिसाब से एक बार खाने पीने के लाले पड़ गए थे | तो यीशु ने चमत्कार करके कुछ रोटी और मछलियां से हजारों लोगों का पेट भरा और उसके बाद भी बहुत सारा खाना बच गया |
यीशु ने हर तरह की बीमारी अंधापन, कोड, लूले लंगड़े लोगों को ठीक किया | कहां गया है कि मौत सबसे आखिरी दुश्मन है | इस पर कोई भी जीत नहीं पा सकता | लेकिन यीशु ने मौत पर भी जीत पा ली थी | मान्यताओं के अनुसार यीशु ने एक विधवा के जवान बेटे और एक छोटी लड़की को जिंदा किया |
लोग इस दिन क्रिसमस ट्री को सजाते हैं | मान्यता है कि जब जीसस का जन्म हुआ तब खुशी मनाने के लिए देवताओं ने सदाबहार वृक्ष(क्रिसमस ट्री) को सजाया | तब से ही इस वृक्ष को सजाने की परंपरा मानी जाती है | इस फेस्टिवल पर लोग बाइबल पढ़ते हैं, मेडिटेशन करते हैं, इस दिन लोग चर्च में प्रेयर करते हैं, सॉन्ग गाते हैं, कैंडल जलाकर सेलिब्रेशन करते हैं |