दोस्तों दिवाली आने वाली है और दिवाली के दिन लोग दीप जलाएंगे, पटाखे फोड़ेंगे और पूजा पाठ करके इस त्यौहार को मनाएंगे। दिवाली का पर्व हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व में से एक है। अगर आप होली को सबसे बड़ा पर्व मानेंगे तो दिवाली को हिंदुओं का दूसरा सबसे बड़ा पर्व माना जाएगा अन्यथा अगर आप होली को हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व मानेंगे तो दिवाली दूसरा सबसे बड़ा पर्व होगा। खैर आज के इस लेख में हम इस बात पर चर्चा नहीं कर रहे हैं कि दिवाली बड़ा पर्व है कि होली बड़ा पर्व है।
हमारे लिए दोनों ही समान है। सभी पर्व हर्षोल्लास लेकर आते हैं। अतः सभी पर्व में बिना भेदभाव किए खुशियों के साथ मनाना चाहिए। आज हम सभी लोग इस लेख में यह जानने की कोशिश करेंगे कि दिवाली क्यों मनाई जाती है ? तो आइए जान लेते हैं इस बारे में, दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali Kyu Manayi Jati Hai Janiye
दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali Kyu Manayi Jati Hai
दिवाली मुख्य रूप से रोशनी यानी कि उजाले का पर्व है। इस दिन लोग अपने छतों तथा घर के इर्द-गिर्द मोमबत्तियां तथा मिट्टी के दीयों को जलाते हैं। इस दिन घर में लोग अच्छे अच्छे पकवानों का लुत्फ उठाते हैं तथा मिठाइयां बांटते हैं। दोस्तों दिवाली रोशनी का इतना खूबसूरत पर्व है कि इस दिन पूरा भारत उजाले से जगमगाता है।
दिवाली क्यों मनाई जाती है इसके पीछे कई प्रकार की कथाएं प्रचलित है। हालांकि दिवाली को लेकर प्राचीन ग्रंथ रामायण में वर्णन मिलता है। इसके पीछे की मान्यता है कि जब भगवान राम 14 साल की बनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तो इस खुशी में अयोध्या राज के वासियों ने दीपक जलाकर भगवान राम का स्वागत किया था। यानी कि भगवान राम, उनके भाई लक्ष्मण और माता सीता के घर वापसी के सम्मान के रूप में दिवाली पर्व मनाया जाता है।
दिवाली 2018 – कब और क्यों मनायी जाती हैi
वहीं महाभारत की कथा के अनुसार दीपावली के पर्व को पांडवों से जोड़कर देखा जाता है। इस ग्रंथ के अनुसार दीवाली पांडवों के 12 वर्ष के बनवास तथा 1 वर्ष के अज्ञातवास से घर वापसी के सम्मान के रूप में मनाई जाती है।
इसके अलावा बहुत सारे हिंदू दीवाली को भगवान विष्णु की पत्नी माता लक्ष्मी से संबंधित पर्व मानते हैं। माता लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी भी माना जाता है अतः इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा भी बड़ी धूमधाम से की जाती है। यहां हम बता देना चाहेंगे कि दीपावली मनाने की शुरुआत को माता लक्ष्मी के जन्म से भी संबंधित माना जाता है। यानी दीपावली का उत्सव माता लक्ष्मी के जन्मदिवस से शुरू होता है।
लेकिन अधिकतर भारतीयों का यही मानना है कि दिवाली भगवान श्री राम के घर वापसी से ही मनाई जाती है। दरअसल जब भगवान राम 14 वर्ष के बाद अयोध्या वापस आए थे तो वहां के लोगों ने घी का दीपक जला कर उनका स्वागत सम्मान किया था। जब भगवान राम घर वापस लौटे थे तो वह दिन कार्तिक मास के अमावस्या का दिन था। उस दिन शाम को अयोध्या वासियों ने दीपक जला कर अपनी खुशी तथा भगवान राम के प्रति सम्मान को व्यक्त किया था। उस दिन की अमावस्या की रात दीयों की रोशनी से पूरा अयोध्या राज जगमगा उठा था।
तो दोस्तों इस लेख में हमने बताया कि दिवाली क्यों मनाई जाती है। आशा करते हैं कि दिवाली के उपलक्ष्य में लिखा गया यह लेख आपको बेहद पसंद आया होगा। आप लोग भी दिवाली पर्व की तैयारी में लगे ही होंगे। तो धूमधाम से दिवाली मनाईए, दीपक जलाइए और मिठाइयां बांटिए। अब दिवाली है तो पटाखे तो फूटेंगे ही। तो सतर्क होकर पटाखे फोड़ें ताकि आपकी हाथ ना जले। हां परंतु पटाखों का प्रयोग थोड़ा पर्यावरण को ध्यान में रखकर करें तो अच्छा होगा। पटाखों से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा साथ-साथ पैसों की भी बर्बादी होती है। अतः थोड़ा हिसाब से पटाखों का प्रयोग करें। पटाखों की जगह मोमबत्ती और दिए का प्रयोग अधिक करें। संभव हो तो कई दिनों तक दिया जलाएं। कई दिनों तक दिवाली की खुशी छत पर मोमबत्ती जलाकर मनाए।
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Job wali
happy deepawali amit sir
Same 2 you
Happy Diwali😎
Sabhi ko meri taraf se happy diwali
हैप्पी दिवाली दोस्त
😚😚😚😚😚
Nice ser bhut bdiya lga ye post excellent .
Nice ser bhut bdiya lga ye post excellent .apko happy diwali ki badhai
Hi,
Very Good Article
Thank You For sharing. Keep Up The Good Work
Thank you Bro